दादी की पेंसिल (Dadi Ki Pencil) एक प्रेरक कहानी है जो एक छात्र, मोहित, और उसकी दादी द्वारा दी गई एक पुरानी पेंसिल के इर्द-गिर्द घूमती है। परीक्षा में असफल होने के बाद निराश मोहित को दादी एक ऐसी पेंसिल देती हैं जो जादुई रूप से उसे प्रेरित करती है और उसे सफलता की राह दिखाती है। इसी तरह के कहानी पढ़ने के लिए बने रहिए RealFakeStory के साथ।

Dadi Ki Pencil (दादी की पेंसिल)
मोहित परीक्षा में फेल हो गया था। सिर झुकाए वह घर लौटा। मम्मी-पापा ने डांटने की बजाय उसे प्यार से समझाया, पर मोहित उदास ही बैठा रहा। तभी दादी आईं और उसके हाथ में एक पुरानी सी पेन्सिल थमा दी। पेन्सिल का लकड़ी का तना घिस चुका था, मगर उसके सिरे पर काला, नुकीला लेड साहस से झलका रहा था।
“ये पेन्सिल तुम्हारे दादा जी की है,” दादी ने कहा, “जब वो स्कूल जाते थे, तब इसकी मदद से उन्होंने बहुत कुछ सीखा था।”
मोहित को पेन्सिल में कोई खास बात नहीं दिखी। उसे तो अपने नए पेन चाहिए थे, जिनमें कई रंग की स्याही निकलती थी। पर दादी के प्यार को नकारना भी ठीक नहीं लगा। उसने पेन्सिल ली और कमरे में चला गया।
रात को सोने से पहले मोहित ने पेन्सिल को हाथ में लिया। अचानक उसे लगा पेन्सिल में कोई हलचल सी हो रही है। उसने ध्यान से देखा तो पेन्सिल की नोक पर हल्की रोशनी चमक रही थी! हैरानी के साथ उसने पेन्सिल को कागज पर सटाया। पेन्सिल खुद-ब-खुद चलने लगी और कागज पर अक्षर उभरने लगे। वे अक्षर दादा जी की साफ सुथरी लिखाई में थे!
पेन्सिल ने लिखना शुरू किया: “परीक्षा में फेल होना कोई बुरी बात नहीं है, बेटा। असली असफलता कोशिश करना ही छोड़ देना है।”
मोहित पेन्सिल से निकलते शब्दों को पढ़कर चौंका। पेन्सिल आगे लिखती रही: “पढ़ाई में मन लगाओ, मेहनत करो। गलती हो तो उससे सीखो और फिर आगे बढ़ो। सफलता जरूर मिलेगी।”
सुबह उठकर मोहित को यकीन नहीं हुआ कि रात में उसने सपना देखा था या सचमुच पेन्सिल ने लिखा था। मगर, कागज पर लिखे दादा जी के शब्दों को देखकर उसे एक नई ऊर्जा मिली। उसने पेन्सिल को संभाल कर रख लिया और अगले दिन से पूरी मेहनत से पढ़ाई करने लगा। पेन्सिल कभी कुछ नहीं लिखती थी, पर यह मोहित को याद दिलाती रहती थी – मेहनत और लगन से ही सफलता मिलती है।
अगली परीक्षा में मोहित अच्छे नंबरों से पास हुआ। उसने दादी को गले लगाकर धन्यवाद दिया। दादी बस मुस्कुराईं और कहा, “ये दादी की पेन्सिल नहीं, बल्कि तुम्हारी मेहनत का कमाल है।”
निष्कर्ष
यह कहानी पाठकों को सिखाती है कि असफलता से निराश नहीं होना चाहिए और मेहनत से लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है। दादी की पेंसिल प्रतीकात्मक रूप से प्रेरणा, मार्गदर्शन और आत्मविश्वास का प्रतिनिधित्व करती है जो हमें सफलता की ओर ले जाती है।
कहानी का संदेश:
असफलता से निराश नहीं होना चाहिए और मेहनत से लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है।
उम्मीद है आपको Dadi Ki Pencil कहानी पसंद आया होगा। इसी तरह के अन्य कहानी पढ़ने के लिए बने रहिए Real Fake Story के साथ।