Bhootiya Haveli Part 8: हवेली की अदृश्य ताकतों और भूतिया आवाज़ों से मुक्ति मिलने के बाद, आरव और उसके दोस्तों ने यह तय किया कि अब वे हवेली के इतिहास और रहस्यों की तह तक जाएंगे। उन्हें पता था कि हवेली में अभी भी कई रहस्य छिपे हुए हैं, जिनका पता लगाना बाकी है।

तस्वीरों का संग्रहालय (Bhootiya Haveli Part 8)
हवेली के पश्चिमी हिस्से में एक बड़ा कमरा था, जिसे कभी संग्रहालय के रूप में इस्तेमाल किया जाता था। इस संग्रहालय में हवेली के पुराने मालिकों और उनके परिवारों की तस्वीरें, चित्र और पेंटिंग्स लगी हुई थीं। आरव और उसके दोस्तों ने फैसला किया कि वे इस संग्रहालय की जांच करेंगे।
कमरे में प्रवेश करते ही, वे दीवारों पर लगीं पुरानी तस्वीरों को देखने लगे। ये तस्वीरें हवेली के इतिहास का एक जीता-जागता प्रमाण थीं। प्रत्येक तस्वीर में हवेली के किसी न किसी सदस्य की कहानी छुपी हुई थी।
पहली तस्वीर: अज्ञात महिला
दीवार पर एक बड़ी सी तस्वीर टंगी थी, जिसमें एक सुंदर महिला का चित्र था। तस्वीर के नीचे लिखा था: “राधा सिंह, 1890″। राधा सिंह की आँखों में एक अजीब सी उदासी और दर्द झलक रहा था।
आरव ने ध्यान से देखा और पाया कि तस्वीर के पीछे कुछ लिखा हुआ है। उन्होंने तस्वीर को हटाया और पीछे लिखा संदेश पढ़ा:
राधा सिंह इस हवेली की पहली मालकिन थीं। उनका जीवन दुखों से भरा था और अपने अंतिम दिनों में उन्हें कई बार भूत-प्रेतों का सामना करना पड़ा था। उनकी आत्मा आज भी हवेली में भटकती है क्योंकि उनका अंतिम संस्कार ठीक से नहीं किया गया था।
दूसरी तस्वीर: युवा लड़का
दूसरी तस्वीर में एक युवा लड़के का चित्र था। उसकी आंखों में एक चमक थी, लेकिन तस्वीर के नीचे लिखा था: “अर्जुन सिंह, 1910-1925″। यह देखकर सब हैरान रह गए कि अर्जुन की उम्र सिर्फ 15 साल थी।
तस्वीर के पीछे एक और संदेश था:
“अर्जुन सिंह ठाकुर प्रताप सिंह का इकलौता बेटा था। उसकी मृत्यु एक रहस्यमयी दुर्घटना में हुई थी। कहते हैं कि अर्जुन की आत्मा अभी भी इस हवेली में भटकती है और मदद की गुहार लगाती है।”
तीसरी तस्वीर: परिवार का चित्र
तीसरी तस्वीर में ठाकुर प्रताप सिंह का पूरा परिवार था। तस्वीर में ठाकुर, उनकी पत्नी, और उनके तीन बच्चे दिखाई दे रहे थे। तस्वीर के पीछे एक लंबा संदेश लिखा था:
“यह चित्र हमारे परिवार की आखिरी याद है। इसके बाद, हमारे परिवार पर एक अभिशाप मंडराने लगा। हवेली की अदृश्य ताकतों ने हमें कभी चैन से नहीं रहने दिया। हमारे परिवार के कई सदस्य अचानक गायब हो गए और उनकी आत्माएँ हवेली में भटकने लगीं।”
तस्वीरों का रहस्य
आरव और उसके दोस्तों ने इन तस्वीरों के पीछे छिपे रहस्यों को समझने की कोशिश की। उन्हें अब यह स्पष्ट हो गया था कि हवेली के इतिहास में कई दर्दनाक और रहस्यमयी घटनाएँ घटी थीं, जिनके कारण यहाँ अदृश्य ताकतें और भूतिया आवाज़ें थी।
आरव ने कहा, “हमें इन आत्माओं को मुक्ति दिलानी होगी। शायद तभी हवेली पूरी तरह से शांत हो सकेगी।”
आत्माओं की मुक्ति का प्रयास
आरव और उसके दोस्तों ने उन तस्वीरों को एकत्र किया और उन्हें हवेली के मुख्य हॉल में लाकर रखा। उन्होंने एक विशेष अनुष्ठान की तैयारी की, जो उन आत्माओं को मुक्ति दिला सके। उन्होंने उन तस्वीरों के सामने दीये जलाए और उन आत्माओं के लिए प्रार्थना की।
प्रार्थना के दौरान, हवा में एक हल्की सी हलचल महसूस हुई। ऐसा लग रहा था मानो हवेली की आत्माएँ उनकी प्रार्थना सुन रही हों। धीरे-धीरे, तस्वीरों में दिखाई दे रही उदासी और दर्द गायब होने लगे। एक चमकदार रोशनी कमरे में फैल गई और हवेली का माहौल पूरी तरह से बदल गया।
हवेली का नया जीवन
प्रार्थना के बाद, हवेली में एक अद्भुत शांति छा गई। अदृश्य ताकतें और भूतिया आवाज़ें पूरी तरह से गायब हो गई थीं। हवेली अब एक नई रोशनी और शांति से भरी हुई थी। आरव और उसके दोस्तों ने महसूस किया कि उन्होंने हवेली को एक नया जीवन दिया है।
आरव ने मुस्कुराते हुए कहा, “हमने हवेली के हर रहस्य को सुलझा लिया है। अब यह जगह फिर से जीवंत हो गई है और इसे इसके पुराने वैभव को प्राप्त करने का समय है।”
अध्याय 9 में हम जानेंगे कि आरव और उसके दोस्तों का जीवन इस अनुभव के बाद कैसे बदलता है और वे हवेली के इतिहास को कैसे संरक्षित करते हैं।